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कौन ज्यादा ताकतवर? बिग बास या फिर सरकार..?

आवाज
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बिग बास….? राखी सावंत का इंसाफ…? क्या है इन दो सिरीयल की हकीकत है.? मेरे इस लेख की शुरूआत आप से सवाल पूछ कर हो ही है। इसकी अपनी वजह है, जो सिर्फ मेरी भी हो सकती है। हो सकता है कि आपकी न हो। ये भी हो सकता है कि आप मेरी वजह और सवालों से सहमत न हो। मैं सिर्फ अपनी बात कहता हूं। शुरुआत के बाद मेरा पहला सवाल आपसे से ही..? कि क्या कश्मीर की समस्या बिग बास या राखी सावंत से बड़ी है..? क्या असम में मारे जा रहे हिंदी भाषियों की समस्या राखी सावंत या फिर बिग बास से बड़ी है..? क्या राष्ट्रमंडल खेलों में हुए घोटाले बिग बास या फिर राखी सावंत से बड़े है..? क्या टू जी स्प्रैक्ट्र में हुआ घोटाला बिग बास अथवा फिर राखी सावंत से बड़ा है..? क्या अयोध्या में, जो भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है, जहां मंदिर बनाने की बात रही है, जहां स्वामी रामदेव और श्रीश्री रविशंकर जैसे लोग भगवान श्रीराम की जन्मस्थली होने की बात कहते हैं… जिसे उच्च न्यायालय ने माना कि अयोध्या में ही भगवान श्रीराम का जन्म हुआ… जिसे पहले तमाम सिद्ध-बुद्ध महात्मा स्वीकार चुके हैं.. क्या वो बिग बास या फिर राखी सावंत से बड़ा है..? बुरा न मानियेगा। मेरा कहने का आश्य सिर्फ और सिर्फ इतना है कि अगर बिग बास और राखी सावंत का इंसाफ जैसे धारावाहिकों पर केन्द्र  सरकार स्वविवेक से आदेश जारी कर सकती है तो अयोध्या जो भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है, जहां के राजा भगवान श्रीराम रहे और जिसके शासन की कल्पना हमारे पूज्यनीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने की…। क्या उस स्थल पर श्रीराम का मंदिर बनाने की इजाजत या फिर आदेश केन्द्र सरकार नहीं दे सकती..? हो सकता है कि मेरे इस सवाल से कुछ लोग मुझे किसी दल या फिर किसी संगठन का व्यक्ति समझे, लेकिन मैं एक बात साफ कर दूं कि मैं शुद्ध और बुद्ध रूप से किसी दल का सदस्य नहीं। मैं सभी धर्मों को बराबर से मानने वाला व्यक्ति हूं। कम से कम मैं सिर ऊंचा करके यह कह सकता हूं कि मैं एक ईश्वर में विश्वास करता हूं फिर वो भगवान श्रीराम हो या फिर मोहम्त पैगम्बर…। एक बात और मेरा सिर्फ इतना कहना है कि यदि सरकार ये समझती और मानती है कि ये देश किसी ढांचे में रचा-बसा है तो उसे लागू करना चाहिए.. और यह तय करना चाहिए कि आखिर इस देश, इस समाज और यहां की जीवनशैली में कौन व्याप्त है..? ये तो हुआ मेरा मानना पर आपका क्या मानना है…? मुझे आपकी राय का इतंजार रहेगा…।

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