आवाज
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भाजपा के नये अध्यक्ष नितिन गड़करी ने अयोध्या में मंदिर और उससे कुछ दूरी पर मिस्जद का फारमूला िनकाल तो िलया, लेकिन उन्होंने अपना यह इरादा अयोध्या की सुने बगैर ही सुना िदया। न तो संतों से कोई राय ली और न ही अयोध्या के लोगों से। अयोध्या से एेसी खबरे भी आई िक कुछ एक संत तो उन्हें अयोध्या में नहीं आने तक की बात कह चुके हैं। इसलिए बेहतर तो यह है िक भाजपा अध्यक्ष अयोध्या मुद्दे पर िकसी नतीजे पर पहुंचने से पहले अयोध्या के लोगों और संतों का मन भी समझें। अयोध्या से सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाली पारटी के नेताओं को अयोध्या का मन जानना जरुरी है। इससे पहले भी इस प्रकार की कई कोिशशें हुईं, लेकिन उनका हश्र क्या हुआ यह सभी को पता है। इसलिए यह जरुरी है िक अयोध्या के मुद्दे पर कम से कम अयोध्या के लोगों को शािमल करें।
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